"ऋषियों ने आध्यात्मिक जीवन शैली के आदर्श स्थापित किया था उनके महान उपदेश आज के समय के लिए पर्याप्त हैं । उनके नियम न तो आज के लोकाचार के विरुद्ध हैं, न ही ऐसे हैं कि भौतिकवाद को भी कृत्रिम लगें । आज भी भारत पर उनकी पकड़ मजबूत है । सहस्राब्दियों से संशयशील समय ने वेदों कि योग्यता की पुष्टि की है. इन्हें अपनी विरासत के रूप में ग्रहण करो ।" - इसी पुस्तक से ।